The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए more info गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि shiv chalisa lyricsl आन उबारो॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
This site consists of word-by-phrase Shiv Chalisa lyrics in Hindi and English. Indicating of each line together with advantages of reciting Shiv Chalisa. Shiv chalisa praises the Lord and asks for his help in getting rid of all the problems through the devotees everyday living. It is actually proposed that you just concentration your mind on Lord Shiva or his picture and say this prayer often.
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ shiv chalisa lyricsl जय शिव…॥